Wednesday, August 3, 2011

बता सकते हो ऐसा क्यों ?


जो वक़्त होता
जवाब देता तेरे सवालों का
सुलझाता तुम्हारी उलझनों को
ढूंढता, उन रास्तों को
जिनमे खो गए तुम
भूल गए हो अपना घर भी
जिसमे तुम आज भी रहते हो
मिलने आते हैं तुम्हारे दोस्त
आज भी तुमसे
मगर तुम किसी को पहचानते नहीं हो
मिलते हो सबसे अजनबियों की तरह
अपना किसी को मानते नहीं हो
बता सकते हो ऐसा क्यों ?
क्यों भूल गए वो सब कुछ
जो तुम्हें अब भी याद है
क्यों ???????

No comments:

Post a Comment