कुछ देर तो
ख़ुद की तलाश की
फाइलें पलटी पहचान के लिए
कुछ लम्हें तन्हाई में गुज़ारे
और अँधेरी रात से बात की
तलाश आईने की करने को कह गया है वो
और रास्ता दिखाया
जिसकी मंजिल ही न थी
मज़ाक बनाया उसने मेरा
या हकीकत बयां की
हमारे जहन में अब तक
एक यही बात थी
कदम बढ़ते चले राहों में
मगर आँखें उदास थी
शायद उसकी नज़र में भी
कुछ यही बात थी
था वो कौन ?
ख़ुद की तलाश की
फाइलें पलटी पहचान के लिए
कुछ लम्हें तन्हाई में गुज़ारे
और अँधेरी रात से बात की
तलाश आईने की करने को कह गया है वो
और रास्ता दिखाया
जिसकी मंजिल ही न थी
मज़ाक बनाया उसने मेरा
या हकीकत बयां की
हमारे जहन में अब तक
कदम बढ़ते चले राहों में
मगर आँखें उदास थी
शायद उसकी नज़र में भी
कुछ यही बात थी
था वो कौन ?
हम ये जान न सके
या यूँ कहिये
हम आईने को अपने पहचान न सके...
या यूँ कहिये
हम आईने को अपने पहचान न सके...
bahut acha likha hai aapne... lekin sirf ek hi post kyu?? or bhi likhiyega pls... hum fir padne aayege..
ReplyDeletePlease visit my blog.
Lyrics Mantra
Download Free Music
accha likhti hain aap.. shabdon ko dil se sajaiye.. dil ko sukoon milega.
ReplyDelete